नियमित अभ्यास से मिटाएं टखनों का दर्द, लंबे समय तक नहीं रहेगी समस्या


टखनों का दर्द कई सारे लोगों को परेशान करता है। एक उम्र के बाद टखनों का दर्द होना बहुत सामान्य है। महिलाओं को तो घुटनों का दर्द बहुत ही सताता है। ऐसा नहीं है कि इस दर्द का कोई इलाज नहीं है, उस दर्द का उपचार भी है और सिर्फ दवा लेने से ही टखने का दर्द दूर नहीं होता है। कई सारे लोग दवा लेना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें दवा लेने से नुकसान पहुंचता है। इसलिए योग करके टखने के दर्द को दूर करें। अगली स्लाइड्स से जानिए किन आसनों को करने से टखने का दर्द दूर हो जाता है।  
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन करने से टखनों में होने वाला दर्द जल्द ही दूर हो जाता है। उष्ट्रासन करने से पैर, जांघों और टखनों पर खिंचाव पड़ता है। ये आसन शरीर की मांसपेशियों को खोलता है। इसलिए टखनों का दर्द इसे करने पर धीरे- धीरे दूर होने लगता है। इसे करना आसान है लेकिन शुरूआती तौर पर यदि आपके टखने में दर्द है तो आप इसे अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। प्रतिदिन 10 से 15 सेकंड आसन करने से ही शरीर को बहुत आराम मिलता है।
बालासन
टखनों में कैसा भी दर्द क्यों न हो, बालासन करने से वो ठीक होने लगता है। बुजुर्ग महिलाएं जो कि ज्यादा कठिन आसन नहीं कर सकती हैं, उनके लिए बालासन एक बहुत अच्छा विकल्प है। दो से तीन मिनट तक बालासन करना कोई बहुत मुश्किल बात नहीं है। टखनों में यदि रोज ही दर्द रहता है तब तो नियमित रूप से इसे जरूर करें। थोड़े ही दिन में दर्द मिट जाएगा और दर्द अधिक ज्यादा हो रहा है तो एकबार परामर्श जरूर लें।
गरुड़ासन
गरुड़ासन भी उन आसनों की कड़ी में आता है जो कि टखने के दर्द को कम करते हैं। यदि चोट के कारण टखने में दर्द हो तो इसे न करें या फिर एहतियात बरतते हुए इसे करें क्योंकि टखने पर बैठने के दौरान हो सकता है कि आपका दर्द बढ़ जाए। इसलिए सावधानी के साथ योगाभ्यास करें और टखने के दर्द को दूर भगाएं। यदि नियमित रूप से आप इसका अभ्यास करेंगे तो अंतर खुद-ब-खुद आपको देखने को मिलेगा।
सुखासन
सुखासन करना बहुत आसान है और इसके फायदे भी एक से बढ़कर एक हैं। सुखासन को कोई भी व्यक्ति किसी भी वक्त कर सकता है। इसे करने से घुटनों में खिंचाव आता है और जल्द ही दर्द दूर होने लगता है। साथ ही यह पीठ को भी मजबूत करता है। इसलिए सुखासन का अभ्यास जरूर करें और जब सुखासन करें तो अपने ध्यान को एक जगह पर ही लगाएं। प्रतिदिन 3 से 5 मिनट तक सुखासन जरूर करें।

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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